रचना झा (अन्तराष्ट्रिय पानीव्यवस्थापन संस्था (आईडब्ल्युएम्आई)मे प्रशिक्षार्थी)
देशक स्थानीय विकासक लेल युवा जनशक्तिके ईच्छा आकांक्षा सम्बोधन करैत आगा बढ्नाई आवश्यक अछि । युवाक आकांक्षा एवम् आवश्क्ता समयक सँगे बदलैत जा रहल अछि । प्रविधि एवम् सुचनाधरि पहुँचएके माध्यमक विकास, सामाजिक मुल्य मान्यतामे आएल परिवर्तन आ विश्वभरि बढैत गेल अवसर सभक कारण युवाक आकांक्षा सेहो बढैत जा रहल अछि ।
कृषिप्रतिके बढैत वितृष्णा युवाक आकांक्षाके स्पष्ट करएके संगहि सरकारक योजनासभपर सेहो प्रश्नचिन्ह ठाड करैत अछि ।
युवाक आकांक्षा आ युवा आप्रवासन
राष्ट्र विकासक दिशा निर्धारण करएमे युवाक बहुत पैघ भुमिका होईत अछि । सामाजिक संरचना, आर्थिक एवम् पारिवारिक स्थितिक कारण व्यक्तिगत एवम् पेशागत आकांक्षा पुरा नहि कऽ पौलासँ युवा विदेश पलायन होएबाक लेल बाध्य होइत आएल अछि ।
युवा आप्रवासन सम्बन्धि विभिन्न अध्ययन अनुसार बेरोजगारी, कृषि क्षेत्रसँ होबएबला आम्दानीमे अनिश्चितता, अवसरक कमी, शिक्षित जनशक्तिक अनुचितमुल्याङ्कन आ परिवर्तित जीवनशैलीके आकांक्षासँ बेसी युवा विदेश पलायन होइत आबि रहल अछि ।
नेपाल श्रमशक्ति सर्वेक्षण, २०१७÷०१८ के अनुसार नेपालक कुल जनसंख्याके ११.४ प्रतिशत जनसंख्या बेरोजगार अछि । रोजगारी खोजएबलामेसँ ६९.१ प्रतिशत १५ सऽ ३४ वर्षक नागरिक रहलाक कारण बेरोजगारसभमेसँ अधिकांश संख्या युवा रहल स्पष्ट होइत अछि ।
एखनुक समयमे कोभिड—१९महामारीसँ उत्पन्न भेल विश्वव्यापी आर्थिक संकटक कारण बहुतो संख्यामे नेपाली आप्रवासी स्वदेश घुरल अछि । रोजगारीक अवसरके खोजीमे अछि ।
युवा आप्रवासनसँ कृषि क्षेत्रमे पड़ल प्रभाव
युवा आप्रवासनक कारण कृषि क्षेत्रमे श्रमिक अभाव, उत्पादनमे कमि, समयमे रोपनी नहि भेनाई, खाद्य असुरक्षा, कृषि योग्य जमिन पर्ति अवस्थामे रहनाई जेहन प्रत्यक्ष प्रभाव परि रहल अछि । तहिना, युवा विदेश जाएके क्रम बढलासँ कृषि नीति, अभ्यास आ विकासक पथके सेहो बेसी प्रभावित कऽ रहल अछि ।
आर्थिक सर्वेक्षण, २०१९ अनुसार सन् २०१०÷०११ मे देशक कुल ग्राहस्थ्य उत्पादनमे कृषि क्षेत्रक योगदान ३७.१ प्रतिशत रहल छल तऽ सन् २०१९÷०२० मे २७.७प्रतिशतमे घटल अछि । तहिना, नेपालश्रमशक्ति सर्वेक्षण, २००८ अनुसार नेपालक ७३.९ प्रतिशत क्रियाशील जनसंख्या कृषिमे संलग्न छल तऽ २०१८ मे ई अनुपात ६० प्रतिशतमे घटि कऽ झरि गेल अछि ।
कृषिमे संलग्न जनसंख्यामे सभसँ बेसी छोट किसान, दैनिक श्रम कऽ जिवन निर्वाह करएबला व्यक्ति, एवम् जमिन विहिन घर परिवार रहल पाओल गेल अछि । केन्दि«य तथ्याङ्क विभाग, २०११ अनुसार मात्र १९.७१ प्रतिशत परिवारक महिलाक संग जमिन आ सम्पतिके स्वामित्व रहल अछि, तऽ करिब ५१.१ प्रतिशत घर परिवारसँगे ०.५ हेक्टर सऽ सेहो कम कृषियोग्य जमिन रहल अछि ।
विदेश गेल जनसंख्यामेसँ पुरुषके संख्या बेसि रहलाक कारण आप्रवासीक घरके महिला उपर कृषि कार्यके जिम्मेवारी बढल देखल गेल अछि । नेपालके करिब ७३.६ प्रतिशत महिला कृषिमे संलग्न अछि । समाजद्धारा बनाओल नीति नियम तथा निश्चित परिधीके भितर रहि कऽ महिलाक घर एवम् बाहर जिम्मेवारी उठाबए पड़ल देखल गेल अछि जाहिसँ ओ सभ मानसिक एवम् शारीरिक रुपमे पिडित भेल अछि ।
जिम्मेवारी बढलाक बादो जमिनक स्वामित्व आ महत्वपुर्ण निर्णय लेबाक अधिकार महिला के नहि भेलाक कारण कृषिमे महिलाक भूमिकाके अवसरक रुपमे पहिचान देबएके अभ्यास नहि होबए सकल अछि, । “कृषिमे महिलाकरण आ समावेशी विकासके” विषयमे नीतिगत बहससभ सेहो होबए नहि सकल अछि ।
प्रदेश २ मे “युवा आप्रवासन, लैङ्गिक असमानता, आ कृषिमे रुपान्तरण” सम्बन्धि अध्ययन
अन्तराष्ट्रिय पानी व्यवस्थापन संस्था (आईडब्ल्युएम्आई) “युवा आप्रवासन, लैङ्गिक असमानता, आ कृषिमे रुपान्तरण” विषयमे रेडियो सगरमाथासँगे समन्वय कऽ कऽ प्रदेश २, धनुषा जिल्लामे स्थलगत अध्ययन कएने अछि । नेपालक सातु प्रदेशमे प्रदेश २मे सभसँ वेसी (२०.१ प्रतिशत) बेरोजगार रहल अछि तऽ वैदेशिक रोजगारीमे जाएबला सेहो एतह सँ वेसि (२४ प्रतिशत) पाओल गेल अछि ।
अध्ययनमे ओतएके युवा, किसान, महिला समुह, सिमान्तकृत समुदाय, वैदेशिक रोजगारीसँ घुरल युवा, कृषि सहकारी, सरकारी एवम् गैरसरकारी संस्था आदिके प्रतिनिधिसँगे प्रत्यक्ष छलफल कऽ कऽ युवाक आकांक्षा, युवा आप्रवासन, कृषि क्षेत्रमे आएल रुपान्तरण, कोभिड—१९महामारीके प्रभाव, सरकारी नीति एवम् कार्यक्रम, आ कार्यक्रम सभक कार्यान्वयन जेहन मुद्दा सभके स्पष्ट कएल गेल अछि ।
एहि अध्ययनक अनुसार सिचाईँके अभाव, समयमे मल एवम् बिया उपलब्ध नहि भऽ पेनाई, छोट किसान लग जमिनजत्थाक अभाव, अनियमित बजारीकरण आ दलाल÷बिचौलियाक एकाधिकार, कृषिमे आधुनिकिकरणक कमि, जातीय एवम् लैङ्गिक विभेद, सामाजिक पहुँच आ नाफाके अनिश्चितताक कारण युवा सभ कृषि पेशाके रुपमे अपनाबए नहि चाहि रहल अछि ।
धनुषा जिल्लाक अधिकांश किसानक कहब छन्हि, “कृषि कऽ कऽ जिवन विताओल त जा सकैछ, मुदा परिवारक अन्य आवश्यकता सभ जेना शिक्षा, स्वास्थ्य, घर जमिन आदिके सुविधा पुरा करएमे कठिनाइ होइत अछि ।” कृषिमे नाफाके अनिश्चितता, रोजगारीके अवसर नहि भेनाई, एवम् विपन्न किसान सरकारक दिससँ आएल सेवा आ सुविधा सभ प्रक्रियागत झन्झट एवम् सामाजिक पहुँच नहि भेलाक कारण प्राप्त करएमे कठिनाई अछि जाहि कारण ग्रामिण युवासभ विदेश पलायन होबएके लेल बाध्य भेल आ एखनो बाध्य भऽ रहल किसानसभक कहब अछि ।
सरकारक नीति एवम् योजनासभक प्रभाव
संघियताक परिवेशमे कृषिविकासक अधिकांश नीति, ऐन÷कानुनसभ परिमार्जन एवम् निर्माणक अवस्था अछि । तथापि, कृषि क्षेत्रक विकासक लेल बनाओल गेल कृषिविकास रणनीति, २०१४ आ राष्ट्रिय कृषिनीति, २००४ कृषि विकासक आधार तैयार कएने अछि ।
तहिना, राष्ट्रिय युवानीति, २०१५ मे नेपालमे रोजगारीक अवसर सृजना करबाक लेल कृषि सम्बन्धि व्यवसायीकरणके प्राथमिकता देबए आ युवाक व्यवसायिक तालिम प्रदान करएके विषयमे उल्लेख कएल गेल अछि ।
उल्लेखित नीति अन्तर्गत नेपाल सरकार बहुत निक कार्यक्रम सभ अनने अछि, जेनाः प्रधानमन्त्रि रोजगार कार्यक्रम, प्रधानमन्त्रि कृषि आधुनिकीकरण परियोजना, बिउ बिजन एवम् मल अनुदान, कृषिके लेल कम ब्याजदरमे ऋण, व्यवसायिक तालिम प्रदान, छोट एवम् मझौला किसानक लेल आय आर्जन कार्यक्रम, छोट, मध्यम, एवम् बड्का सिचाईँ आ योजना आदि । मुदा यी कार्यक्रम सभके कार्यान्वयन प्रभावकारी नहि भेल बुझबामे अबैत अछि ।
सरोकारबला सकक अनुसार सरकार द्वारा देल सुविधा सेहो विपन्न किसान नहि भऽ कऽ बड्का जग्गाधनी एवम् सामाजिक पहुँच भेल किसान सभ लैत आबि रहल अछि । असमान लैङ्गिक आ सम्बन्ध दिस नैरश्यता, कर्मचारीक अभाव एवम् संस्थागत समन्वयमे कमजोरी भेलाक काराण कार्यान्वयनमे समस्या आएल हुनकरसभक कथन अछि ।
आवश्यक योजना
स्थायी आ समावेशी कृषि विकासक लेल सरकारी नीति नियम, कार्यक्रम, एवम् परियोजनासभ युवा, महिला, एवम् छोट किसान मैत्री भेनाई आवश्यक अछि । युवाक बदलैत आकांक्षाके सम्बोधन करैत कृषिमे जोखिम न्यूनीकरण, आधुनिकीकरण, कृषि एवम् सिचाईँ उपकरण आ प्रविधीसभमे समान सहज पहुँच, बजारक सुनिश्चितता, जमिनविहीन कृषकके जमिन उपलब्ध एवम् भुमि सुरक्षा कएलासँ युवावर्ग कृषि दिस आकर्षित भऽ सकैत अछि ।
यी प्रयासमे स्थानीयतहक भूमिका महत्वपुर्ण भेलाक कारण संघ आ प्रदेश सरकार स्थानीय सरकारसँग सहकार्य आ भुमि सुरक्षा सम्बन्धि कार्य आगा बढे्बाक लेल दृढ राजनीतिक ईच्छा शक्तिके विकास आवश्यक अछि ।
बेरोजगार युवाके रोजगारीक अवसर प्रदान करबाक लेल हुनकासभके कृषि व्यवसाय सम्बन्धि तालिम प्रदान, कम ब्याजदरमे कर्जा उपलब्ध, आ कृषिजन्य प्रविधिसभमे अनुदानके व्यवस्था कऽ सकैत अछि । महिलाके निर्णय लेबएके अधिकार, जमिनक स्वामित्व, कामकाजक अवसर प्रदान आ सुरक्षीत वातावरण निर्माण, एवम् महिलामैत्रि प्रविधिके विकास कएनाई आवश्यक अछि ।
सरकारद्धारा कृषि सम्बन्धि आनल गेल कार्यक्रमसभके उचित कार्यान्वयन, निष्पक्ष वितरण आ कृषिमे युवाक सहभागिता बढौलासँ कृषि क्षेत्रक विकास सँगसँगे कोभिड—१९महामारीक कारण बढल बेरोजगारीके समस्याके सेहो न्यूनीकरण भऽ सकैत अछि ।
(२०७८ असोज १० मे अनलाईन खबरमे प्रकाशित मूल लेखक अनुवादित अंश)
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