जयन्त ठाकुर
आइ काल्हि तऽ ‘हम अहाँके प्रेम करैत छी ’ कहएमे बर्षो लगाबएबलासभ सेहो अंग्रेजीमे सहजहि आई लभ यू कहएमे नहि हिचकिचाइत छथि । आबके ई डिजिटल युगमे प्रेम सेहो गणितीय फर्मुला जँका भऽ गेल अछि । तएँ तऽ आबके प्रेमीसभ आई लभ यू कहएके सट्टा आई (१) लभ (४) यू (३) कहए लागल छथि । प्रेम युवायुवतीबीच आँखिक मिलनसँ होबएबला रासायनिक प्रतिक्रियाक गणितीय स्वरुप लेने अछि । तएँ आबक युवायुवती १४३ नम्बरक बसमे चढि प्रेमपुरीक यात्रा कऽ रहल छथि । मुदा प्रेमपथमे जीवनभरि एकदोसरके हात पकडि़ चलबाक लेल विश्वास आ त्याग होएबाक चाही ई बात बिसइर चुकल छथि प्रेमक अनुयायीसभ । मात्र दैहिक आकर्षणमे डुबि कऽ ओहीके प्रेम मानएबलासभक संख्या बढिते जा रहल अछि जे एकटा बड़का विकृति अछि । प्रेमके नाफा(नोक्सानक तराजुमे राखि कऽ व्यापार करएबलासभ प्रेमक शाश्वत् स्वरुपके विकृत बना देने अछि । प्रेमके ई संकुचित घेरासँ बाहर नहि निकालएधरि भ्यालेन्टाइन डेके कोनो सार्थकता नहि रहि जाएत । रबि दिन भ्यालेन्टाइन डे अर्थात् प्रेम दिवस, प्रेमके सर्वस्व मानएबलासभ सांकेतिक आ गणितीय रुपमे प्रेम अभिव्यक्त करएके तरिका नहि बुझएबलासभ कि प्रेम करत ?
आबके प्रेमीसभ आई लभ यू कहएके सट्टा आई (१) लभ (४) यू (३) कहए लागल छथि ।
फेब्रुअरी १४ तारिख प्रेमी प्रमिकासभक लेल पवित्र पावनिसँ कम नहि मानल जाइत अछि । ई दिनके प्रेमक दिन, अपन प्रेमके समक्ष प्रस्ताव राखएके दिन, अपन भावना व्यक्त करएके दिन मानल जाइत अछि । मुदा एहि पवित्र दिनके संगे विकृतिसभ सेहो दिनप्रति दिन बढैत जा रहल अछि से सहजहि महशुश कऽ सकैत छी । जनकपुरमे एकटा अलग पार्क नहि भेलाक कारण एहन विकृति बढल होबए सकबाक बुृद्धिजीवीसभ कहैत छथि ।
पश्चिमी देशसभमे भ्यालेन्टाइन डे के धुम बहुत बेसी होइत अछि । पूर्वके देशसभमे भ्यालेन्टाइन डेके इतिहास बहुत बडका नहि अछि । मुदा एकर क्रेज सेहो आब कम नहि अछि एहि देशसभमे । वितल किछु बर्ष एम्हरसँ सकुचाइत जनकपुरमे प्रेम दिवस मनाबए्बला प्रेमी प्रेमिकासभ आब आबि कऽ किछु खुलि कऽ मनाबए लागल छथि ।
जनकपुरक गल्ली गल्लीमे प्रेम जोडीसभके ओहि दिन देखल जा सकैत छल । एहि संस्कारके सहजहि पचाबएमे असक्षम मिथिला संस्कृतिमे बढल लोकसभके लेल ई थप चुनौती लऽ कऽ आएल अछि । किएक तऽ अपन संस्कृतिके बिसरइत जा रहल युवासभपर पश्चात्य संस्कृति हावी हएब पक्के चिन्ताक विषय अछि । ओना युवायुवतीसभ सेहो भ्यालेन्टाइन डेके महत्वके कलंकित करएमे कनिको कन्जुसी नहि कऽ रहल छथि । प्रेम दिवश मनौनाई गलत अछि से नहि, मुदा एकरा एकटा पावनिके रुपमे मनाएब एकर मर्मके बुझव आवश्यक अछि ।
प्रेमक परिभाषाके विकृतिके रुपमे विकास होइत जा रहल अछि ।
अखन आबि कऽ एहिके एकटा उत्सवक रुपमे मनाएब, मनोरंजन करबाक प्रचलन बढिते जा रहल अछि तएँ भ्यालेन्टाइन डे संस्कृतिसँ बेसी बिकृतीके रुपमे विकास होइत जा रहल अछि ।
प्रेमक महत्व अपन स्थानमे अछि । प्रेमके अखन हल्का रुपमे लेबाक, क्षणिक स्वार्थ पुर्ति करबाक आ छोडबाक ओकर बाद दोसर प्रेमके खोजीमे लागि जएबाक संस्कृतिके विकास सेहो संग संगे बढैत गेल समयमे सेन्ट भ्यालेन्टाइनक सहादतसंग सम्बन्धीत रहल ई दिवशके सम्बन्धमे जानए आ बुझएसँ बेसी एकटा देखाउससँ मनेबाक अखनुक युवापुस्तामे होडबाजी चलल अछि ।
सन्त भ्यालेन्टाइनके मर्मके पहिने सही ढंगसँ बुझव अति आवश्यक अछि । प्रेमक अपने परिभाषा अछि । प्रेमक महत्व अपन स्थानमे अछि । प्रेमके अखन हल्का रुपमे लेबाक, क्षणिक स्वार्थ पुर्ति करबाक आ छोडबाक ओकर बाद दोसर प्रेमके खोजीमे लागि जएबाक संस्कृतिके विकास सेहो संग संगे बढैत गेल समयमे सेन्ट भ्यालेन्टाइनक सहादतसंग सम्बन्धीत रहल ई दिवशके सम्बन्धमे जानए आ बुझएसँ बेसी एकटा देखाउससँ मनेबाक अखनुक युवापुस्तामे होडबाजी चलल अछि । तत्कालिन रोमन सम्राट क्याउडियस द्वितीय युवाके प्रेम आ विवाह करए बन्धेज लगौने छलथि । भ्यालेन्टाइन सम्राट लगौने प्रतिबन्धके प्रतिकार अवश्य कएलथि । ओ प्रेम आ विवाहक लेल युवायुवतीसभके प्रेरित कएलथि । ओ सार्वजनिक स्थलमे सामुहिक विवाह करौलथि । प्रतिबन्ध उल्लंघन कएने आरोपमे हुनका २७० फेब्रुअरी १४ मे मृत्युदण्ड देल गेल । प्रेमक लेल प्राण उत्सर्ग करएबला वएह भ्यालेन्टाइनके स्मरणमे प्रत्येक वर्षक १४ फेबु्रअरी कऽ प्रेम दिवशक रुपमे मनेबाक परम्परा शुरु भेल ।
प्रेम दिवसक इतिहास
प्रेम दिवसके पुर्वी देशसभसँ बेसी पश्चिमी देशसभमे धूम देखल जाइत अछि । एहि बात अनुमान एहि बातसँ लगाओल जा सकैत अछि जे पूरा विश्वमे ई एक दिनमे एक अरबसँ बेसी ग्रीटिंग कार्ड प्रेमी प्रेमीका एक दोसरके आदान प्रदान करैत अछि । ग्रीटिंगके बिक्री एतेक संख्यामे क्रिसमसके बाद भ्यालेन्टाइन डेके दिन होइत अछि एक संस्था जनौने अछि ।
भ्यालेन्टाइन डे सेन्ट भ्यालेन्टाइनके स्मरणमे मनाओल जा रहल अछि इ बात कहल गेल होइतो ऐतिहासिक रुपमे विभिन्न मतसभ पाओल जाइत अछि । या कही आधिकारीक जानकारी अखनधरि नहि पुष्टी भेल अछि भ्यालेन्टाइन डेके सन्दर्भमे । सन १९६९मे कैथोकिल चर्च कुल ११टा सेन्ट भ्यालेन्टाइन होबएके पुृष्टी कएने छल । आ १४ फेब्रुअरी कऽ हुनकेसभके सम्मानमे ई दिवस मनेबाक घोषणा कएने छल । एहिसभमेसँ महत्वपुर्ण भ्यालेन्टाइन रोमके सेन्ट भ्यालेन्टाइनके मानल जाइत अछि ई बात आरिया अफ जेकोबस डी आ राजिन नामक पुस्तकमे बर्णन कएल गेल अछि । कहल जाइत अछि जे सेन्ट भ्यालेन्टाइन अपन मृत्युक समय जेलरके नेत्रहीन बेटी जैकोबस के नेत्रदान कएलन्हि आ जेकोबसके एक पत्र लिखलथि जाहिमे ओ अन्त्मे लिखने छलथि ’अहाँक भ्यालेन्टाइन’। ई घटना १४ फेब्रुअरी कऽ भेल छल । जाहिके बाद ई प्रेम दिवस मनाओल जाए लागल एहो मत अछि ।
अलग अलग देशमे अलग अलग परम्परा
जाहिठाम चीनमे प्रेम दिवसके दिन ’नाइट्स अफ सेभेन्स’ प्रेममे लिप्त प्रेमीक लेल महत्वपुर्ण मानल जाइत अछि ओहीठाम जापान आ कोरियामे एहिके ’व्हाइट डे’ के नामसँ जानल जाइत अछि । एतबी नहि एहि देशसभमे प्रेम दिवसके दिनसँ पूरा एक महीनाधरि प्रेमक प्रस्ताव रखैत छथि । १९अम शताब्दिमे तऽ अमेरिकामे भ्यालेन्टाइन डेके दिन सार्वजनिक विदाधरि देल जाइत छल ।
लेखक ठाकुर द सौर्यमिथिलाका कार्यकारी सम्पादक हुन् ।
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